17 जुलाई – अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस (International Justice Day): न्याय के लिए वैश्विक संकल्प
परिचय
न्याय मानव सभ्यता की आत्मा है। यही वह मूल भावना है, जो समाज में समानता, सुरक्षा और शांति को बनाए रखती है। 17 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस (International Justice Day) मनाया जाता है, ताकि विश्व भर में न्याय के महत्व, अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से लड़ाई, और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए चल रहे प्रयासों को रेखांकित किया जा सके।
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इतिहास और महत्व
17 जुलाई 1998 को रोम संविधि (Rome Statute) को अपनाया गया था, जो कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court – ICC) की स्थापना का आधार बना।
इसी दिन को World Day for International Justice के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि मानवता के विरुद्ध अपराधों के विरुद्ध वैश्विक संघर्ष को याद किया जा सके।
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मुख्य उद्देश्य
1. अंतर्राष्ट्रीय अपराधों को पहचानना और दंडित करना – जैसे नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध आदि।
2. पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना।
3. विश्व स्तर पर न्यायिक प्रणाली को सशक्त करना।
4. राष्ट्रों को अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सहयोग हेतु प्रेरित करना।
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अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की भूमिका
यह अदालत हेग, नीदरलैंड्स में स्थित है।
इसका अधिकार क्षेत्र चार प्रमुख अपराधों तक सीमित है:
1. नरसंहार (Genocide)
2. मानवता के विरुद्ध अपराध (Crimes against humanity)
3. युद्ध अपराध (War crimes)
4. आक्रामकता का अपराध (Crime of aggression)
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भारत और अंतर्राष्ट्रीय न्याय
भारत ICC का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, लेकिन देश की न्यायिक व्यवस्था स्वतंत्र और संविधान द्वारा निर्देशित है।
भारत ने मानव अधिकारों की रक्षा, संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों, और न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने में कई ठोस कदम उठाए हैं।
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कानूनी शिक्षा और जागरूकता का महत्व
“इस दिन का एक और अहम उद्देश्य है— लोगों में कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देना। जब देश के नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को सही ढंग से समझते हैं, तभी न्याय प्रणाली पूरी तरह से प्रभावी बन पाती है। Judiciary of India जैसी ऑनलाइन पहल इस कार्य में अहम भूमिका निभाती हैं, जो जटिल कानूनी जानकारियों को सरल भाषा में आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास करती हैं।”
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2025 की संभावित थीम (कल्पित)
> “Ensuring Justice for All in the Age of Conflict and Technology”
यानी संघर्ष और तकनीकी युग में भी न्याय को सबके लिए सुलभ बनाना।
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निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस केवल अदालतों या वकीलों का दिन नहीं है, यह हर उस व्यक्ति का दिन है जो अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि न्याय केवल सजा देना नहीं, बल्कि पीड़ित को सम्मान लौटाना और समाज में विश्वास बनाए रखना है।
हर वर्ष 17 जुलाई को हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम न्याय के पक्ष में बोलें, चलें और काम करें — चाहे वह हमारे देश में हो या दुनिया के किसी कोने में।
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