Uttar Pradesh PCS-J Exam- Syllabus

पृष्ठभूमि

उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा (UP PCS-J)  उन अभ्यर्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो न्यायपालिका में Civil Judge के रूप में करियर बनाना चाहते हैं। यह परीक्षा हर कुछ वर्षों में UPPSC द्वारा आयोजित की जाती है, और इसके माध्यम से प्रदेश की निचली न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।

यह परीक्षा तीन चरणों में होती है – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। सफल उम्मीदवारों को “सिविल जज (जूनियर डिवीजन)” के रूप में नियुक्त किया जाता है।

आयोजक निकाय: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)

परीक्षा का नाम- उत्तर प्रदेश पीसीएस न्यायिक सेवा परीक्षा

Eligibility Criteria (पात्रता मानदंड):

शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से LLB (Bachelor of Laws) की डिग्री होनी चाहिए।

अनिवार्यता: उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसे Advocates Act, 1961 के तहत एडवोकेट के रूप में नामांकित होना चाहिए।

आयु सीमा: न्यूनतम आयु 22 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष (आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट)।

Exam Pattern (परीक्षा पैटर्न):

1. Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा):

प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है, जिसमें दो पेपर होते हैं:

Paper-I: General Knowledge (सामान्य ज्ञान) – 150 Marks

Paper-II: Law (कानून) – 300 Marks

दोनों पेपर मिलाकर कुल 450 अंकों की परीक्षा होती है।

यह चरण केवल qualifying nature का होता है, जिसका उपयोग मुख्य परीक्षा के लिए चयन हेतु किया जाता है।

2. Mains Exam (मुख्य परीक्षा):

मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक (डिस्क्रिप्टिव) होती है। इसमें निम्नलिखित पेपर शामिल होते हैं:

पेपर-I: सामान्य ज्ञान – 200 अंक

पेपर-II: भाषा (अंग्रेजी और हिंदी) – 200 अंक

पेपर-III: विधि-I (मूलभूत विधि) – 200 अंक

पेपर-IV: कानून-II (प्रक्रिया और साक्ष्य) – 200 अंक

पेपर-V: कानून-III (दंड, राजस्व और स्थानीय कानून) – 200 अंक

कुल अंक: 1000

3. Interview (साक्षात्कार):

इंटरव्यू 100 अंकों का होता है।

इसमें उम्मीदवार की कानून विषयों पर समझ, संप्रेषण क्षमता और न्यायिक दृष्टिकोण का मूल्यांकन किया जाता है।

Syllabus Highlights (मुख्य विषय):

सामान्य ज्ञान: भारतीय इतिहास, संस्कृति, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं और करंट अफेयर्स।

कानून विषय:

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code-IPC)

भारतीय न्याय संहिता Bhartiya Nyay Sanhita-BNS)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure-CrPC)

सिविल प्रक्रिया संहिता (Code of Civil Procedure-CPC)

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act-IEA)

भारत का संविधान (Indian Constitution)

संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम (Transfer of Property Act-TPA)

अनुबंध अधिनियम (Indian Contract Act-ICA)

विशिष्ट राहत अधिनियम (Specific Relief Act-SRA)

स्थानीय कानून (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम, आदि) (Local Laws of Uttar Pradesh)

निष्कर्ष:

UP PCS-J परीक्षा के माध्यम से एक न्यायिक अधिकारी जैसे प्रतिष्ठित पद पर रहकर समाज में न्याय और समानता स्थापित किया जाने एक सुनहरा अवसर है।

UP PCS-J परीक्षा न केवल एक प्रतिष्ठित सरकारी पद प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि समाज में न्याय और समानता स्थापित करने का भी एक महान अवसर है। जो उम्मीदवार मेहनत और समर्पण के साथ इसकी तैयारी करते हैं, वे न्यायपालिका में एक मजबूत और स्थायी भूमिका निभा सकते हैं।

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