15 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व युवा कौशल दिवस का पोस्टर, जिसमें युवाओं, शिक्षा, तकनीकी और सशक्तिकरण से जुड़े प्रतीक शामिल हैं।

15 जुलाई – विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day)

भूमिका

आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में प्रतिस्पर्धा का स्तर लगातार ऊँचा होता जा रहा है। ऐसे माहौल में केवल शैक्षणिक डिग्रियां ही काफी नहीं होतीं, बल्कि युवाओं को अपने भीतर ऐसे व्यावहारिक कौशल विकसित करने की आवश्यकता है, जो उन्हें न केवल रोज़गार के बेहतर अवसर दिला सकें, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी सशक्त बना सकें। कौशल ही वह असली पूंजी है, जो किसी युवा को भविष्य की चुनौतियों से लड़ने और आगे बढ़ने की सही दिशा देती है। इसी सोच को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 15 जुलाई को “विश्व युवा कौशल दिवस” (World Youth Skills Day) मनाया जाता है।

इस दिवस का उद्देश्य न केवल युवाओं को कौशल विकास की ओर प्रेरित करना है, बल्कि सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों को भी यह एहसास दिलाना है कि युवा शक्ति को सशक्त किए बिना कोई भी राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता।

इतिहास और शुरुआत

साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जुलाई को आधिकारिक रूप से World Youth Skills Day घोषित किया।

इसका प्रस्ताव श्रीलंका ने रखा था और 50 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया।

यह दिवस युवाओं को व्यावसायिक, तकनीकी और उद्यमशीलता कौशल सिखाने की दिशा में एक वैश्विक अभियान की तरह है।

महत्व और उद्देश्य

1. रोज़गार योग्य बनाना

कौशल विकास से युवा सिर्फ नौकरी ढूंढने लायक ही नहीं बनते, बल्कि खुद भी रोजगार देने वाले बन सकते हैं।

2. आर्थिक आत्मनिर्भरता

सही स्किल्स होने पर युवा स्वरोजगार, फ्रीलांसिंग और स्टार्टअप्स में सफल हो सकते हैं।

3. समाज में सकारात्मक योगदान

कुशल युवा अपराध, नशे और भटकाव से दूर रहते हैं और समाज की उन्नति में भागीदार बनते हैं।

4. नई तकनीक के साथ तालमेल

AI, डिजिटल मार्केटिंग, कोडिंग, साइबर सिक्योरिटी जैसे नए क्षेत्रों में स्किल्ड होना समय की मांग है।

भारत में कौशल विकास की पहल

भारत सरकार ने भी कौशल विकास को प्राथमिकता दी है:

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)

इसके तहत लाखों युवाओं को मुफ्त में ट्रेनिंग दी जाती है।

Skill India Mission

यह पहल युवाओं को रोजगार परक और इंडस्ट्री से जुड़े कौशल प्रदान करती है।

ITI और पॉलिटेक्निक संस्थान

ये संस्थान तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाते हैं।

कौशल और भारतीय न्याय व्यवस्था

आज कानूनी क्षेत्र में भी सिर्फ डिग्री ही काफी नहीं है।

मूल्यांकन, रिसर्च, ड्राफ्टिंग, साइबर कानून, डिजिटल दस्तावेज़ विश्लेषण जैसे कौशल तेजी से महत्व पा रहे हैं।

ज्यूडिशियल सर्विसेज या लॉ प्रैक्टिस में चयन के लिए युवा को कानूनी ज्ञान के साथ व्यवहारिक कौशल भी विकसित करने की आवश्यकता है।

2025 की थीम (कल्पित/उदाहरणार्थ)

> 🔹 “Empowering Youth through Green Skills and Digital Literacy”

यानी युवा को हरित तकनीक और डिजिटल शिक्षा में सक्षम बनाना।

(नोट: आधिकारिक थीम की पुष्टि UNESCO या UN की वेबसाइट से की जानी चाहिए।)

निष्कर्ष

15 जुलाई केवल एक तारीख नहीं है, यह एक संकल्प है — कि हम अपने युवाओं को केवल शिक्षा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला और हुनर भी सिखाएं। एक राष्ट्र तभी सशक्त होता है जब उसके युवा आत्मनिर्भर, कुशल और उद्देश्यपूर्ण होते हैं।

इसलिए, World Youth Skills Day हमें यह याद दिलाता है कि कौशल, भविष्य की करेंसी है — और हर युवा को इसे कमाना चाहिए।

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